बद्री – कामधेनु – गाय

बद्री गाय क्या है?
पुराने काल से भारत में गाय पालन का चलन रहा है, जहां लोगों इसका पालन कर इससे मिलने वाले लाभों को भोगते हैं। देसी गाय अपने दूध और घी के लिए जानी जाती है। इसके अलावा इनके गोबर और गौमूत्र में मेडिशिनल गुण होते हैं। अब सवाल उठता है कि बद्री गाय क्या है। बद्री गाय एक देसी नस्ल की गाय है, जो उत्तराखंड में पाई जाती है। ये बाकी गायों से इस कारण अलग है, क्योंकि इसके दूध और घी में खास पोषक तत्व मिलते हैं।

बद्री गाय को ही क्यों चुना?
बद्री गाय पहाड़ों को कामधेनु का दर्जा दिया गया है, क्योंकि इस गाय का दूध अन्य गाय के दूध से ज्यादा पोषण है। जहां अन्य गाय के दूध से बना घी 500 रुपये तक बिकता है, वहीं इस गाय के दूध से बना घी बाजार में 5,500 रुपये किलो के भाव बिकता है। आम गायों की तुलना में बद्री गाय के दूध में ए-2 प्रोटीन के अलावा अन्य पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। इसके साथ ही कई रोगों से बचने के लिए इसके घी और दूध कारगार साबित होते हैं। बद्री गाय एक बेहद कम लागत वाली गौवंशीय प्रजाति है, जो हिमालय के बुग्याल में उपलब्ध जड़ी-बूटियों और झाड़ियों को ही चरती है। ऐसा कहते हैं कि बुग्यालों में पोषण की खान है, जिसमें तत्वों की मात्रा अधिक है। इस कारण बद्री गाय के दूध में मिलावट नहीं, सिर्फ पोषण होता है। मान्यता है कि इस गाय का दूध इतना पवित्र है कि यहां के लोकदेवता को इसका दूध अर्पित किया जाता है।इस कारण जेबुवेदा ने बद्री गाय को चुना क्योंकि इसके हर प्रोडक्ट में खास पोषक तत्व और स्वास्थ्यवर्धी गुण है।

जेबुवेदा नेचुरल्स अपने प्रोडक्ट को बनाने में प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करता है। जिसमें गोबर, घी, दूध, दही और गौमूत्र शामिल है, जिसे शुद्धता और आयुर्वेद की मदद से तैयार किया गया है। मगर अब सवाल उठता है कि जेबुवेदा नेचुरल्स अपने प्रोडक्ट के लिए किस खास गाय को चुना है। जेबुवेदा दो शब्दों से मिलकर बना है, जहां जेबु का अर्थ भारतीय मूल की गाय, जो 53 तरह की होती है और देश के अलग-अलग स्थानों पर पाई जाती है। मगर जेबुवेदा नेचुरल्स ने खासतौर पर बद्री गाय को चुना है।

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