गायों की कैसे मदद करता है जेबुवेदा? और जेबुवेदा प्रकृति के लिए पर्यावरण के अनुकूल कैसे है?
जेबुवेदा नेचुरल्स का एकमात्र उद्देश्य है कि लोगों को स्वस्थ और बेहतर जीवन मिल सके। इसके लिए जेबुवेदा लगातार प्रयास करता है। इसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य के
मैनेजमेंट के लिए अशुद्धियों को दूर करना, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना और जीवन में सद्भाव को बढ़ाना है।
जेबुवेदा नेचुरल्स आपको न केवल शारीरिक बीमारी से छुटकारा दिलाना बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहने में मदद करता है। कंपनी के सारे प्रोडक्ट पूरी तरह से
प्राकृतिक चीजों से मिलकर बना है, जिसे प्रकृति को कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। कंपनी के ज्यादातर प्रोडक्ट में आपको पंचगव्य का उपयोग देखने को मिलेगा।
ऐसे में गायों से हमारे ज्यादातर प्रोडक्ट की सामग्री मिलती है।
गायों की कैसे मदद करता है जेबुवेदा?
गायों की सुरक्षा और मदद हमारे लिए एक अहम मुद्दा बन जाता है। जेबुवेदा गायों की सुरक्षा और गोशाला को आत्मनिर्भर बनाने हैं। इसलिए किसानो और गौशालाओं
की मदद करने के लिए कंपनी लगातार काम करती रहती है। जेबुवेदा नेचुरल्स के प्रोडक्ट में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्री प्राकृतिक है, जिसमें गाय से मिलने वाले
तत्वों जैसे गोबर, गौमूत्र और घी का इस्तेमाल होता है।
इन प्रोडक्ट को बनाने में बड़ी मात्रा में पंचगव्य की खपत होती है।
ऐसे में जेबुवेदा क्षेत्रीय यानी लोकल गौशाला और किसानों की मदद से इन सामग्रियों को हासिल करते है। इससे किसानों और गौशालाओं को कमाई का बेहतर स्तोत्र
मिलता है। किसानों में इस बदलाव को लेकर जागरूकता आती है और वे पशु पालन की तरफ अग्रसर होते हैं।
आपको बता दें कि गायों का जीवन काल 15 से 22 सालों का होता है। इस समय में वे 7 से 10 बार गाभिन (बच्चे को जन्म देती है)। बच्चे को जन्म देने के एक साल तक
वे दूध देती है। मगर एक समय ऐसा आता है, जब गाय दुधारू नहीं रहती है या बच्चे को जन्म नहीं देती है। ऐसे समय में किसान अपने खर्चो के चलते इन गायों को बाजार
में बेच देते हैं, बिना ये जानें कि इन गायों का क्या होगा। जेबुवेदा उन गायों को भी बेहतर जीवन दे सकते हैं, क्योंकि इन गायों से अभी भी दो एलीमेंट यानी गौमूत्र और
गोबर मिल सकते हैं। इस तरह से जेबुवेदा उन गायों के लिए भी किसानों को मुनाफा देते हैं।
जेबुवेदा प्रकृति के लिए पर्यावरण के अनुकूल कैसे है?
पर्यावरण के लिए जेबुवेदा नेचुरल्स एक रामबाण की तरह काम करेगा। अब एक आम सवाल, जो दिमाग में आता है वो है आखिर कैसे बिना पर्यावरण को नुकसान
पहुंचाए संस्थान इस दिशा में काम करेगी? हम यहां आपके इसी सवाल का जवाब देने आए है।
आपको बताते चले कि जेबुवेदा एक अहम विचारधारा पर काम करता है, जो प्रकृति को बिना नुकसान पहुचांए, इसके संसाधनों के उपयोग पर निर्भर करता है।
जेबुवेदा सस्टेनेबल लिविंग के विचार पर काम करता है, जिसे लिविंग विद नेचुरल हार्मनी भी कहा जाता है। यह जीवन जीने का एक तरीका है, जिसमें हम प्रकृति से
मिलने वाली सामग्री को नुकसान पहुचांए बिना इसका इस्तेमाल करते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि जब हम उन चीजों का इस्तेमाल नहीं करते जो प्रदूषण फैलाती हैं
तो प्रकृति को इससे फायदा मिलता है। इसके अलावा प्रकृति से कम-से कम और केवल जरूरत की चीजों को लेकर हम प्रकृति की मदद करते हैं।
इस प्रक्रिया में वेस्ट मैनेटमेंट भी बहुत कारगर साबित हुआ है, क्योंकि कंपनी ने अपने प्रोडक्ट को बनाने के बाद निकलने वाले वेस्ट को रिसाइकिल करके खाद की
तरह इस्तेमाल किया है। इससे पर्यावरण प्रदूषण से सुरक्षित रहता है। ये कुछ तरीके है, जिसकी मदद से जेबुवेदा गायों और पर्यावरण दोनों के लिए हितकारी साबित
हुआ है।